May 11, 2025
The language and rhythm of poetry are one of the most beautiful ways to convey your feelings and emotions. Be it the love of a mother or the love for a mother, poems can perfectly project feelings. And here we mention 8 beautiful poems on Mother by Hindi poets.
canva
आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया,माँ की ऊँगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया उंगलियाँ पकड़कर माँ ने मेरी मुझे चलना सिखाया है,खुद गीले में सोकर माँ ने मुझे सूखे बिस्तर पे सुलाया है।
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मैं मानता हूँ कि दुनिया का कोई रिश्ता छोटा या बड़ा नहीं होता..लेकिन मेरी माँ के बराबर कोई और खड़ा नहीं होता!
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जब आँचल लहराती है मेरी माँ, लहरों से भर जाता हैपीले रंग का एक समुद्र : शाम की वह सूरजमुखी शांतिमेरी माँ ने ताउम्र महज़ पीली साड़ियाँ पहनींताकि हर शाम अपने बचपन में लौट सकें मेरे पिता
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फिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ!ऐसी बड़ी न होऊँ मैंतेरा स्नेह न खोऊँ मैं,तेरे अंचल की छाया मेंछिपी रहूँ निस्पृह, निर्भय,कहूँ—दिखा दे चंद्रोदय!
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कह दे मां अब क्या देखूँ!देखूँ खिलतीं कलियां याप्यासे सूखे अधरों को,तेरी चिर यौवन-सुषमाया जर्जर जीवन देखूँ!
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मैं हूँ उसकी प्रकृति संगिनी उसकी जन्म-प्रदाता हूँ |वह मेरी प्यारी बिटिया है मैं ही उसकी प्यारी माता हूँ ||तुमको सुन कर चिढ़ आती है मुझ को होता है अभिमान |जैसे भक्तों की पुकार सुन गर्वित होते हैं भगवान
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While not directly related to a mother, this poem by Jaishankar Prasad defines and describes every woman and her life. क्या कहती हो ठहरो नारी!संकल्प अश्रु-जल-से-अपने।तुम दान कर चुकी पहले हीजीवन के सोने-से सपने।नारी! तुम केवल श्रद्धा हो
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जब माँ की काफ़ी उम्र हो गईतो वह सभी मेहमानों को नमस्कार किया करतीजैसे वह एक बच्ची हो और बाक़ी लोग उससे बड़े।….वह धरती को भी नमस्कार करती कभी अकेले में भीआख़िर में जब मृत्यु आई तोउसने उसे भी नमस्कार किया होगाऔर अपना जीवन उसे देते हुए कहा होगा —बैठो कुछ खाओ।
canva
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